कंप्यूटर जनरेशन क्या है? और कितने प्रकार के होते हैं?
आज आप जिस तरह के कंप्यूटर देख रहे हैं और Use कर रहे हैं जैसे लैपटॉप, डेस्कटॉप यह शुरू से ऐसा नहीं है पहले के कंप्यूटर आज के कंप्यूटर से काफी बड़े होते थे और इन्हें चलाने के लिए काफी हाई वोल्टेज बिजली की जरूरत होती थी और उस समय इन कंप्यूटर में आज के कंप्यूटर की तरह आप विंडो का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे न ही एमएस डॉस आया था और नहीं उसके अंदर कोई ऑपरेटिंग सिस्टम था| आज के समय में विंडो 7, विंडो 8, 8.1, 10 या फिर विंडो 11 हम आसानी से यूज कर लेते हैं| लेकिन उस समय कंप्यूटर को चलाने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम बनाए जाते थे जिसे मशीनी भाषा कहा जाता था और उन प्रोग्राम का नाम है जैसे हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Language) और लो लेवल लैंग्वेज (Low Level Language).
कंप्यूटर को चलाने के लिए इन प्रोग्राम को कंप्यूटर के पंच कार्ड में स्टोर करके रखा जाता था| जैसा कि आप जानते हैं कि कंप्यूटर का दिमाग सीपीयू को कहा जाता है क्योंकि यही कंप्यूटर में डाटा को आगे प्रोसेस करता और जो भी काम होता है वह सीपीयू ही करता है पहले के कंप्यूटर में आज की तरह सीपीयू का Use नहीं होता था वहां पर CPU की जगह दूसरे डिवाइस का Use होता था जैसे: वेक्यूम ट्यूब, ट्रांजिस्टर इत्यादि| धीरे-धीरे कंप्यूटर में काफी चीजों का बदला हुआ और बहुत सारे नए-नए चीजे और इसमें नई टेक्नोलॉजी आई और इन्हीं बदलाव को कंप्यूटर जनरेशन (Computer Generation) कहते हैं| अब तक कंप्यूटर के पाँच Generation आ चुके है तो आइये एक-एक करके इसके बारे में जानते हैं|
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर – First Generation Computer
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर 1946 से 1959 तक था। इस पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था। मेमोरी के लिए Magnetic drums का Use किया जाता था। ये कंप्यूटर बहुत बड़े साइज़ के होते थे और महंगे थे| हाई वोल्टेज बिजली पर चलते थे| बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते थे जिसके लिए अक्सर महंगे AC की जरुरत होती थी और ये कंप्यूटर एक समय में केवल एक ही समस्या का समाधान कर सकते थे। इस पीढ़ी में Low Level Programming भाषा (1, 0) Use होता था जिसे आज हम बाइनरी भाषा कहते है|
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1946 से 1959)।
First Generation के कुछ कंप्यूटर थे जैसे:-
- ENIAC
- EDVAC
- UNIVAC
- IBM-701
- IBM-650
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर – Second Generation Computer
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर 1959 से 1965 थी। कंप्यूटर की इस पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब की जगह सॉलिड स्टेट ट्रांजिस्टर ने ले ली। इसका आविष्कार बेल लेबोरेटरीज में हुआ था। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब से कहीं बेहतर था। यह छोटा, तेज़, सस्ता और थोडा कम बिजली पर चलने वाले कंप्यूटर थे| इस पीढ़ी में नई high level programming भाषाएं भी इस समय बनाई गयी जैसे:- COBOL और FORTRAN के शुरुआती वर्शन।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1959 से 1965 तक)
दूसरी पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर हैं:-
- IBM-1401
- IBM 1620
- IBM 7094
- CDC 1604
- CDC 3600
- UNIVAC 1108
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर – Third Generation Computer
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर 1965 से 1971 तक थे। इस पीढ़ी में आकार में छोटे, तेज गति और कम लागत वाले कंप्यूटर बनाए गए थे। IC (integrated circuits) ने ट्रांजिस्टर को बदल दिया, जिसे जेएस किल्बी द्वारा बनाया गया था। इस विकास को LSI (लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) के रूप में जाना जाता है। एक और विकास हुआ जिसने लोगों को कंप्यूटर का Use करने के तरीके को बदल दिया, वह था time sharing. एक time sharing करने वाला कंप्यूटर कई उपयोगकर्ताओं को एक अलग इनपुट/आउटपुट टर्मिनल का उपयोग करके एक ही समय में काम करने की Facility देता है। Users पहली बार कीबोर्ड, मॉनिटर और ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से कंप्यूटर को चलाने लगे थे|
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1965 से 1971)।
तीसरी पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर हैं:-
- IBM-360 series
- NCR 395
- Honeywell-6000 series
- PDP (Personal Data Processor)
- IBM-370/168
- TDC-316
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर – Fourth Generation Computer
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर 1971 से 1980 तक थी। इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण किया गया। इस माइक्रोप्रोसेसर ने कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी को लाया, क्योंकि एक सिलिकॉन चिप पर हजारों Integrated Circuits बनाए गए थे। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में जीयूआई, माउस और हैंडहोल्ड उपकरणों की शुरुआत भी हुई| ULSI (अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) तकनीक आया और कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली हो गया। 1981 में IBM कंपनी ने घरेलू उपयोगकर्ता के लिए अपना पहला कंप्यूटर मार्किट में निकाला और 1984 में Apple कंपनी ने Macintosh लोगो के लिए मार्किट में निकाला था।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 से 1980 तक)
चौथी पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर हैं:-
- DEC 10
- STAR 1000
- PDP 11
- CRAY-1(Super Computer)
- CRAY-X-MP(Super Computer)
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर – Fifth Generation Computer
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर 1990 से आज के समय के हैं। इस तकनीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नाम से जाना जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर डिवाइस अभी भी विकास में हैं, हालांकि वॉयस रिकग्निशन जैसे कुछ एप्लिकेशन हैं जिनका आज उपयोग किया जा रहा है यह (एआई) बेस्ड ही है| वर्तमान में काम के आधार पर कई तरह के कंप्यूटर बनाये गयें हैं जैसे Super Computer, Micro Computer इत्यादि|
- वीएलएसआई को यूएलएसआई (अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) माइक्रोप्रोसेसर में बदल गया ।
- रोबोट, वॉयस रिकॉग्निशन जैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का शुरुआत हुआ|
- उच्च स्तरीय भाषा उपयोग हुआ जैसे:- सी, सी++; जावा, डॉट नेट आदि।
- भाषा प्रसंस्करण का विकास|
- सुपरकंडक्टर तकनीकी में सुधार|
- अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल मल्टीमीडिया सुविधाओं के साथ इंटरफेस|
- बहुत शक्तिशाली कंप्यूटर का विकास हुआ|
- पोर्टेबल कंप्यूटर बनाये गएँ|
- बहुत छोटा आकार बनाये गएँ|
- गेम खेल सकते है|
- डाटा एंट्री, डिजाइनिंग, गेम प्ले, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि काम कर सकते हैं|
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (1990 से वर्तमान समय तक)|
पांचवी पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर हैं:-
- Desktop
- Laptop
- Notebook
- Ultra Book
- Chrome Book
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